सुहागन भी बता देगी मगर तुम पूछो विधवा से

सुहागन भी बता देगी मगर तुम पूछो विधवा से

ये मंगलसूत्र ज़ेवर के अलावा भी बहुत कुछ है


ये क्या इक मक़बरे को आख़री हद मान बैठे हो

मोहब्बत संग-ए-मरमर के अलावा भी बहुत कुछ है