शायद क़ज़ा ने मुझ को ख़ज़ाना बना दियाZubair Ali Tabish@zubair-ali-tabishशायद क़ज़ा ने मुझ को ख़ज़ाना बना दियाऐसा नहीं तो क्यूँ मुझे दफ़ना रहे हैं लोग