शायद क़ज़ा ने मुझ को ख़ज़ाना बना दिया

शायद क़ज़ा ने मुझ को ख़ज़ाना बना दिया

ऐसा नहीं तो क्यूँ मुझे दफ़ना रहे हैं लोग