मैं क्या बताऊँ वो कितना क़रीब है मेरे

मैं क्या बताऊँ वो कितना क़रीब है मेरे

मेरा ख़याल भी उसको सुनाई देता है


वो जिसने आँख अता की है देखने के लिए

उसी को छोड़ के सब कुछ दिखाई देता है