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SHER

मैं क्या बताऊँ वो कितना क़रीब है मेरे

मैं क्या बताऊँ वो कितना क़रीब है मेरे

मेरा ख़याल भी उसको सुनाई देता है

वो जिसने आँख अता की है देखने के लिए

उसी को छोड़ के सब कुछ दिखाई देता है

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मैं क्या बताऊँ वो कितना क़रीब है मेरे — Zubair Ali Tabish • ShayariPage