कोई काँटा कोई पत्थर नही है

कोई काँटा कोई पत्थर नही है

तो फिर तू सीधे रस्ते पर नही है

मैं इस दुनिया के अंदर रह रहा हूँ

मग़र दुनिया मेरे अंदर नही है