SHER•12/30/2019जहाँ पंखा चल रहा है वहीं रस्सी भी पड़ी हैBy Zubair Ali TabishLikeShareReportHindiEnglishजहाँ पंखा चल रहा है वहीं रस्सी भी पड़ी है मुझे फिर खयाल आया, अभी ज़िन्दगी पड़ी है