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एक ही बार नज़र पड़ती है उन पर ‘ताबिश’

एक ही बार नज़र पड़ती है उन पर ‘ताबिश’

और फिर वो ही लगातार नज़र आते हैं

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एक ही बार नज़र पड़ती है उन पर ‘ताबिश’ — Zubair Ali Tabish • ShayariPage