Shayari Page
SHER

भरे हुए जाम पर सुराही का सर झुका तो बुरा लगेगा

भरे हुए जाम पर सुराही का सर झुका तो बुरा लगेगा

जिसे तेरी आरज़ू नहीं तू उसे मिला तो बुरा लगेगा

ये आख़िरी कंपकंंपाता जुमला कि इस तअ'ल्लुक़ को ख़त्म कर दो

बड़े जतन से कहा है उस ने नहीं किया तो बुरा लगेगा

Comments

Loading comments…