बंसी सब सुर त्यागे है, एक ही सुर में बाजे हैZubair Ali Tabish@zubair-ali-tabishबंसी सब सुर त्यागे है, एक ही सुर में बाजे हैहाल न पूछो मोहन का, सब कुछ राधे राधे है