अब न निकलूँगा तेरी बाँहों से, अपनी हद में रहा करूँगा मैं

अब न निकलूँगा तेरी बाँहों से, अपनी हद में रहा करूँगा मैं

मेरे सीने में है मेरा उस्ताद इसने जो भी कहा करूँगा मैं