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GHAZAL

वो क्या है के फूलो को धोखा हुआ था

वो क्या है के फूलो को धोखा हुआ था

तेरा सूट तितली ने पेहेना हुआ था

मुझे क्या पता बाढ़ में कौन डूबा

मै कस्ती बनाने में डूबे हुआ था

मैं शायद उसी हाथ में रह गया हूँ

वही हाथ जो मुझ से छूटा हुआ था

किसी की जगह पर खड़ा हो गया मैं

मेरी सीट पर कोई बैठा हुआ था

पुरानी गजल डस्टबिन में पड़ी थी

नया शेर टेबल पर रखा हुआ था

तुम्हे देख कर कुछ तो भुला हुआ हूँ

अरे याद आया मैं रूठा हुआ था

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