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GHAZAL

अक़्ल ने अच्छे अच्छों को बहकाया था

अक़्ल ने अच्छे अच्छों को बहकाया था

शुक्र है हम पर कुछ वहशत का साया था

तुम ने अपनी गर्दन ऊँची ही रक्खी

वरना मैं तो माला लेकर आया था

मैं अब तक उसके ही रंग में रंगा हूँ

जिसने सबसे पहले रंग लगाया था

मेरी राय सबसे पहले ली जाये

मैंने सबसे पहले धोख़ा खाया था

सबको इल्म है फूल और ख़ुश्बू दोनों में

सबसे पहले किसने हाथ छुड़ाया था

इक लड़की ने फिर मुझको बहकाया है

इक लड़की ने अच्छे से समझाया था

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