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GHAZAL

अपने बच्चों से बहुत डरता हूँ मैं

अपने बच्चों से बहुत डरता हूँ मैं

बिल्कुल अपने बाप के जैसा हूँ मैं

जिनको आसानी से मिल जाता हूँ मैं

वो समझते है बहुत सस्ता हूँ मैं

जा नदी से पूँछ शैराबी मेरी

किस घड़े ने कह दिया प्यासा हूँ मैं

मेरी ख्वाहिश है कि दरवाजा खुले

वरना खिड़की से भी आ सकता हूँ मैं

दूसरे बस तोड़ सकते है मुझे

सिर्फ अपनी चाबी से खुलता हूँ मैं

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