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इस वक़्त मुझे जितनी ज़रूरत है तुम्हारी

इस वक़्त मुझे जितनी ज़रूरत है तुम्हारी 

लड़ते भी रहोगे तो मोहब्बत है तुम्हारी

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इस वक़्त मुझे जितनी ज़रूरत है तुम्हारी — Zia Mazkoor • ShayariPage