Shayari Page
SHER

ज़रा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है

ज़रा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है

समुंदरों ही के लहजे में बात करता है

Comments

Loading comments…
ज़रा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है — Waseem Barelvi • ShayariPage