निगाहों के तक़ाज़े चैन से मरने नहीं देते

निगाहों के तक़ाज़े चैन से मरने नहीं देते

यहाँ मंज़र ही ऐसे हैं कि दिल भरने नहीं देते

हमीं उन से उमीदें आसमाँ छूने की करते हैं

हमीं बच्चों को अपने फ़ैसले करने नहीं देते