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क्या दुख है समंदर को बता भी नहीं सकता

क्या दुख है समंदर को बता भी नहीं सकता

आँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता

तू छोड़ रहा है तो ख़ता इसमें तेरी क्या

हर शख़्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता

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क्या दुख है समंदर को बता भी नहीं सकता — Waseem Barelvi • ShayariPage