क्या बताऊँ कैसा ख़ुद को दर-ब-दर मैंने किया

क्या बताऊँ कैसा ख़ुद को दर-ब-दर मैंने किया

उम्र भर किस किसके हिस्से का सफ़र मैंने किया


तू तो नफ़रत भी न कर पाएगा इस शिद्दत के साथ

जिस बला का प्यार तुझसे बे-ख़बर मैंने किया