कौन सी बात कहाँ कैसे कही जाती है

कौन सी बात कहाँ कैसे कही जाती है

ये सलीक़ा हो तो हर बात सुनी जाती है


एक बिगड़ी हुई औलाद भला क्या जाने

कैसे माँ-बाप के होंठों से हँसी जाती है