SHER•2/13/2021चराग़ घर का हो महफ़िल का हो कि मंदिर काBy Waseem BarelviLikeShareReportHindiEnglishचराग़ घर का हो महफ़िल का हो कि मंदिर काहवा के पास कोई मसलहत नहीं होती