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NAZM

"मेरा शहर"

"मेरा शहर"

शहर मेरा उदास गंगा सा

कोई भी आए और अपने पाप

खो के जाता है धोके जाता है

आग का खेल खेलने वाले

ये नहीं जानते कि पानी का

आग से बैर है हमेशा का

आग कितनी ही ख़ौफ़नाक सही

उस की लपटों की उम्र थोड़ी है

और गंगा के साफ़ पानी को

आज बहना है कल भी बहना है

जाने किस किस का दर्द सहना है

शहर मेरा उदास गंगा सा

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