SHER•6/17/2021मैंने जैसी चाही थी ना वैसी इनमें खनखन नइँBy Varun AnandLikeShareReportHindiEnglishमैंने जैसी चाही थी ना वैसी इनमें खनखन नइँजितने प्यारे हाथ हैं तेरे उतने प्यारे कंगन नइँ