SHER•
इतना ऊँचा उड़ना भी कुछ ठीक नहीं
By Varun Anand
इतना ऊँचा उड़ना भी कुछ ठीक नहीं
पाबंदी लग जाती है परवाज़ों पर
तुझको छू कर और किसी की चाह रखे
हैरत है और लानत है ऐसे हाथों पर
इतना ऊँचा उड़ना भी कुछ ठीक नहीं
पाबंदी लग जाती है परवाज़ों पर
तुझको छू कर और किसी की चाह रखे
हैरत है और लानत है ऐसे हाथों पर