GHAZAL•
ये सुन कर हर कोई हैरान है अब
By Varun Anand
ये सुन कर हर कोई हैरान है अब
तू मेरी जाँ, किसी की जान है अब
मिला कर ख़ाक में अरमाँ हमारे
वो पूछे है कोई अरमान है अब
तिरे कांधे की पहले शाल थी जो
हमारे घर का दस्तरख़्वान है अब
सभी से सरसरी रिश्ता ही रक्खो
मुहब्बत में बड़ा नुक़सान है अब
नहीं पहचानता अब कोई मुझ को
यही मेरी नई पहचान है अब
वो झूटा था मिरा महबूब पहले
जो इक आला सियासत-दान है अब
उसे कुन कहने की लत पड़ गई है
उसे लगता है वो भगवान है अब
चलो जाओ हमारा हाथ छोड़ो
तुम्हारा रास्ता आसान है अब