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GHAZAL

ये शोख़ियाँ ये जवानी कहाँ से लाएँ हम

ये शोख़ियाँ ये जवानी कहाँ से लाएँ हम

तुम्हारे हुस्न का सानी कहाँ से लाएँ हम

मोहब्बतें वो पुरानी कहाँ से लाएँ हम

रुकी नदी में रवानी कहाँ से लाएँ हम

हमारी आँख है पैवस्त एक सहरा में

अब ऐसी आँख में पानी कहाँ से लाएँ हम

हर एक लफ़्ज़ के मा'नी तलाशते हो तुम

हर एक लफ़्ज़ का मा'नी कहाँ से लाएँ हम

चलो बता दें ज़माने को अपने बारे में

कि रोज़ झूटी कहानी कहाँ से लाएँ हम

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