GHAZAL•
ख़ुद अपने ख़ून में पहले नहाया जाता है
By Varun Anand
ख़ुद अपने ख़ून में पहले नहाया जाता है
वक़ार ख़ुद नहीं बनता बनाया जाता है
कभी कभी जो परिंदे भी अन-सुना कर दें
तो हाल दिल का शजर को सुनाया जाता है
हमारी प्यास को ज़ंजीर बाँधी जाती है
तुम्हारे वास्ते दरिया बहाया जाता है
नवाज़ता है वो जब भी अज़ीज़ों को अपने
तो सब से बा'द में हम को बुलाया जाता है
हमीं तलाश के देते हैं रास्ता सब को
हमीं को बा'द में रास्ता दिखाया जाता है