Shayari Page
GHAZAL

जलवे तुझे दिखाएँगे बस इंतिज़ार कर

जलवे तुझे दिखाएँगे बस इंतिज़ार कर

हम कौन हैं बताएँगे बस इंतिज़ार कर

जी भर के हमको ख़ून के आँसू रूला तू आज

कल हम तुझे रुलाएँगे बस इंतिज़ार कर

जब तक क़लम से काम चलेगा चलाएँगे

फिर तेग़ भी उठाएँगे बस इंतिज़ार कर

ख़ामोश हैं तो गूँगा समझ बैठा है हमें

हम शोर भी मचाएँगे बस इंतिज़ार कर

मसनद पे तुझको हमने बिठाया है ये न भूल

हम ही तुझे उठाएँगे बस इंतिज़ार कर

Comments

Loading comments…