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GHAZAL

फ़रेबी शीरीं ज़ियादा ज़हीन लोगों से

फ़रेबी शीरीं ज़ियादा ज़हीन लोगों से

गुरेज़ करता हूँ मैं ऐसे तीन लोगों से

फ़क़ीर औलिया शाइ'र मतीन लोगों से

मिला-जुला करो इन बेहतरीन लोगों से

ये कितनी लाशें सहेजे कहाँ कहाँ रक्खे

कि तंग आ गई है अब ज़मीन लोगों से

यक़ीन कर वो तिरे पास लौट आएगा

जब उस का उठने लगेगा यक़ीन लोगों से

तुम उस के हुस्न पे जब जब भी तब्सिरा करना

तो पहले मशवरा लेना हसीन लोगों से

ये माँगने पे कहाँ कुछ किसी को देते हैं

जो तेरा हक़ है उसे लड़ के छीन लोगों से

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