GHAZAL•
दुनिया में और वक़्त बिताने का मन नहीं
By Varun Anand
दुनिया में और वक़्त बिताने का मन नहीं
लेकिन ख़ुदा के पास भी जाने का मन नहीं
बैठे हैं और ख़ाक हुए जा रहे हैं हम
फिर भी तिरे दयार से जाने का मन नहीं
मन कह रहा है आज हक़ीक़त करें बयाँ
लेकिन तिरे ख़िलाफ़ भी जाने का मन नहीं
मजबूर हो के उस से गले मिल रहे हैं हम
वो जिससे हम को हाथ मिलाने का मन नहीं
कर सकता हूँ मै बंद भी कश्ती का वो सुराख़
पर आज अपनी जान बचाने का मन नहीं
इक रोग है जो तुझको बताना नहीं कभी
इक ज़ख़्म है जो तुझको दिखाने का मन नहीं