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ये दुनिया ग़म तो देती है शरीक-ए-ग़म नहीं होती

ये दुनिया ग़म तो देती है शरीक-ए-ग़म नहीं होती

किसी के दूर जाने से मोहब्बत कम नहीं होती

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