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मुनाफ़िक़ दोस्तों से लाख बेहतर हैं ख़ुदा दुश्मन

मुनाफ़िक़ दोस्तों से लाख बेहतर हैं ख़ुदा दुश्मन

कि ग़द्दारी नवाबों से हुकूमत छीन लेती है

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