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अरक़ नहीं तिरे रू से गुलाब टपके है

अरक़ नहीं तिरे रू से गुलाब टपके है

अजब ये बात है शोले से आब टपके है

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अरक़ नहीं तिरे रू से गुलाब टपके है — Unknown • ShayariPage