Shayari Page
SHER

नज़र में रखना कहीं कोई ग़म शनास गाहक

नज़र में रखना कहीं कोई ग़म शनास गाहक

मुझे सुख़न बेचना है ख़र्चा निकालना है

Comments

Loading comments…
नज़र में रखना कहीं कोई ग़म शनास गाहक — Umair Najmi • ShayariPage