SHER•
मुझे पहले पहल लगता था ज़ाती मस'अला है
By Umair Najmi
मुझे पहले पहल लगता था ज़ाती मस'अला है
मैं फिर समझा मोहब्बत क़ायनाती मस'अला है
परिंदे क़ैद हैं तुम चहचहाहट चाहते हो
तुम्हें तो अच्छा ख़ासा नफ़सयाती मस'अला है
मुझे पहले पहल लगता था ज़ाती मस'अला है
मैं फिर समझा मोहब्बत क़ायनाती मस'अला है
परिंदे क़ैद हैं तुम चहचहाहट चाहते हो
तुम्हें तो अच्छा ख़ासा नफ़सयाती मस'अला है