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मैं ने मेहनत से हथेली पे लकीरें खींचीं

मैं ने मेहनत से हथेली पे लकीरें खींचीं

वो जिन्हें कातिब-ए-तक़दीर नहीं खींच सका

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मैं ने मेहनत से हथेली पे लकीरें खींचीं — Umair Najmi • ShayariPage