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GHAZAL

याद तब करते हो करने को न हो जब कुछ भी

याद तब करते हो करने को न हो जब कुछ भी

और कहते हो तुम्हें इश्क़ है मतलब कुछ भी

अब जो आ आ के बताते हो वो शख़्स ऐसा था

जब मेरे साथ था वो क्यूँ न कहा तब कुछ भी

वक्फ़े-वक्फ़े से मुझे देखने आते रहना

हिज्र की शब है सो हो सकता है इस शब कुछ भी

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याद तब करते हो करने को न हो जब कुछ भी — Umair Najmi • ShayariPage