ज़ेहन से यादों के लश्कर जा चुके

ज़ेहन से यादों के लश्कर जा चुके

वो मेरी महफ़िल से उठ कर जा चुके


मेरा दिल भी जैसे पाकिस्तान है

सब हुकूमत करके बाहर जा चुके