SHER•
पहले उसकी खुशबू मैंने खुद पर तारी की
By Tehzeeb Hafi
पहले उसकी खुशबू मैंने खुद पर तारी की
फिर मैंने उस फूल से मिलने की तैयारी की
इतना दुख था मुझको तेरे लौट के जाने का
मैंने घर के दरवाजों से भी मुंह मारी की
पहले उसकी खुशबू मैंने खुद पर तारी की
फिर मैंने उस फूल से मिलने की तैयारी की
इतना दुख था मुझको तेरे लौट के जाने का
मैंने घर के दरवाजों से भी मुंह मारी की