SHER•
मैं ज़िन्दगी में आज पहली बार घर नहीं गया
By Tehzeeb Hafi
मैं ज़िन्दगी में आज पहली बार घर नहीं गया
मगर तमाम रात दिल से माँ का डर नहीं गया
बस एक दुख जो मेरे दिल से उम्र भर न जाएगा
उसको किसी के साथ देख कर मैं मर नहीं गया
मैं ज़िन्दगी में आज पहली बार घर नहीं गया
मगर तमाम रात दिल से माँ का डर नहीं गया
बस एक दुख जो मेरे दिल से उम्र भर न जाएगा
उसको किसी के साथ देख कर मैं मर नहीं गया