मैं ज़िन्दगी में आज पहली बार घर नहीं गया

मैं ज़िन्दगी में आज पहली बार घर नहीं गया

मगर तमाम रात दिल से माँ का डर नहीं गया


बस एक दुख जो मेरे दिल से उम्र भर न जाएगा

उसको किसी के साथ देख कर मैं मर नहीं गया