मैं जंगलों की तरफ़ चल पड़ा हूँ छोड़ के घर Tehzeeb Hafi@tehzeeb-hafiमैं जंगलों की तरफ़ चल पड़ा हूँ छोड़ के घर ये क्या कि घर की उदासी भी साथ हो गई है