क्या ग़लत-फ़हमी में रह जाने का सदमा कुछ नहीं

क्या ग़लत-फ़हमी में रह जाने का सदमा कुछ नहीं

वो मुझे समझा तो सकता था कि ऐसा कुछ नहीं


इश्क़ से बच कर भी बंदा कुछ नहीं होता मगर

ये भी सच है इश्क़ में बंदे का बचता कुछ नहीं