कोई समंदर, कोई नदी होती कोई दरिया होता
कोई समंदर, कोई नदी होती कोई दरिया होता
हम जितने प्यासे थे हमारा एक गिलास से क्या होता
ताने देने से और हम पे शक करने से बेहतर था
गले लगा के तुमने हिजरत का दुख बाट लिया होता
कोई समंदर, कोई नदी होती कोई दरिया होता
हम जितने प्यासे थे हमारा एक गिलास से क्या होता
ताने देने से और हम पे शक करने से बेहतर था
गले लगा के तुमने हिजरत का दुख बाट लिया होता