Shayari Page
SHER

ख़्वाबों को आँखों से मिन्हा करती है

ख़्वाबों को आँखों से मिन्हा करती है

नींद हमेशा मुझसे धोखा करती है

उस लड़की से बस अब इतना रिश्ता है

मिल जाए तो बात वग़ैरा करती है

Comments

Loading comments…
ख़्वाबों को आँखों से मिन्हा करती है — Tehzeeb Hafi • ShayariPage