घर में भी दिल नहीं लग रहा काम पर भी नहीं जा रहा

घर में भी दिल नहीं लग रहा काम पर भी नहीं जा रहा

जाने क्या ख़ौफ़ है जो तुझे चूम कर भी नहीं जा रहा


रात के तीन बजने को है यार ये कैसा महबूब है

जो गले भी नहीं लग रहा और घर भी नहीं जा रहा