Shayari Page
SHER

घर में भी दिल नहीं लग रहा काम पर भी नहीं जा रहा

घर में भी दिल नहीं लग रहा काम पर भी नहीं जा रहा

जाने क्या ख़ौफ़ है जो तुझे चूम कर भी नहीं जा रहा

रात के तीन बजने को है यार ये कैसा महबूब है

जो गले भी नहीं लग रहा और घर भी नहीं जा रहा

Comments

Loading comments…
घर में भी दिल नहीं लग रहा काम पर भी नहीं जा रहा — Tehzeeb Hafi • ShayariPage