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धूप पड़े उस पर तो तुम बादल बन जाना

धूप पड़े उस पर तो तुम बादल बन जाना

अब वो मिलने आये तो उसको घर ठहराना।

तुमको दूर से देखते देखते गुज़र रही है

मर जाना पर किसी गरीब के काम न आना।

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धूप पड़े उस पर तो तुम बादल बन जाना — Tehzeeb Hafi • ShayariPage