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भरम रखा है तेरे हिज्र का वरना क्या होता है

भरम रखा है तेरे हिज्र का वरना क्या होता है

मैं रोने पे आ जाऊँ तो झरना क्या होता है

मेरा छोड़ो मैं नइँ थकता मेरा काम यही है

लेकिन तुमने इतने प्यार का करना क्या होता है

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भरम रखा है तेरे हिज्र का वरना क्या होता है — Tehzeeb Hafi • ShayariPage