और फिर एक दिन बैठे बैठे मुझे Tehzeeb Hafi@tehzeeb-hafiऔर फिर एक दिन बैठे बैठे मुझे अपनी दुनिया बुरी लग गयी जिसको आबाद करते हुए मेरे मां-बाप की ज़िंदगी लग गयी