आईने आँख में चुभते थे बिस्तर से बदन कतराता थाTehzeeb Hafi@tehzeeb-hafiआईने आँख में चुभते थे बिस्तर से बदन कतराता थाएक याद बसर करती थी मुझे मैं साँस नहीं ले पाता था