ज़िन्दगी भर फूल ही भिजवाओगे
ज़िन्दगी भर फूल ही भिजवाओगे
या किसी दिन खुद भी मिलने आओगे
पैहरेदारों से बचूंगा कब तलक
दोस्त तुम एक दिन मुझे मरवाओगे
खुद को आईने में कम देखा करो
एक दिन सूरज-मुखी बन जाओगे
ज़िन्दगी भर फूल ही भिजवाओगे
या किसी दिन खुद भी मिलने आओगे
पैहरेदारों से बचूंगा कब तलक
दोस्त तुम एक दिन मुझे मरवाओगे
खुद को आईने में कम देखा करो
एक दिन सूरज-मुखी बन जाओगे