GHAZAL•
ज़िन्दगी भर फूल ही भिजवाओगे
By Tehzeeb Hafi
ज़िन्दगी भर फूल ही भिजवाओगे
या किसी दिन खुद भी मिलने आओगे
पैहरेदारों से बचूंगा कब तलक
दोस्त तुम एक दिन मुझे मरवाओगे
खुद को आईने में कम देखा करो
एक दिन सूरज-मुखी बन जाओगे
ज़िन्दगी भर फूल ही भिजवाओगे
या किसी दिन खुद भी मिलने आओगे
पैहरेदारों से बचूंगा कब तलक
दोस्त तुम एक दिन मुझे मरवाओगे
खुद को आईने में कम देखा करो
एक दिन सूरज-मुखी बन जाओगे