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GHAZAL

वैसे मैं ने दुनिया में क्या देखा है

वैसे मैं ने दुनिया में क्या देखा है

तुम कहते हो तो फिर अच्छा देखा है

मैं उस को अपनी वहशत तोहफ़े में दूँ

हाथ उठाए जिस ने सहरा देखा है

बिन देखे उस की तस्वीर बना लूँगा

आज तो मैं ने उस को इतना देखा है

एक नज़र में मंज़र कब खुलते हैं दोस्त

तू ने देखा भी है तो क्या देखा है

इश्क़ में बंदा मर भी सकता है मैं ने

दिल की दस्तावेज़ में लिखा देखा है

मैं तो आँखें देख के ही बतला दूँगा

तुम में से किस किस ने दरिया देखा है

आगे सीधे हाथ पे एक तराई है

मैं ने पहले भी ये रस्ता देखा है

तुम को तो इस बाग़ का नाम पता होगा

तुम ने तो इस शहर का नक़्शा देखा है

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वैसे मैं ने दुनिया में क्या देखा है — Tehzeeb Hafi • ShayariPage