GHAZAL•
उसके हाथों में जो खंजर है ज्यादा तेज है
By Tehzeeb Hafi
उसके हाथों में जो खंजर है ज्यादा तेज है
और फिर बचपन से ही उसका निशाना तेज है
जब कभी उस पार जाने का ख्याल आता मुझे
कोई आहिस्ता से कहता था की दरिया तेज है
आज मिलना था बिछड़ जाने की नीयत से हमे
आज भी वो देर से पंहुचा है कितना तेज है
अपना सब कुछ हार के लौट आये हो न मेरे पास
मै तुम्हे केहता भी रहता की दुनिया तेज है
आज उसके गाल चूमे हैं तो अंदाजा हुआ
चाय अच्छी है मगर थोडा सा मीठा तेज है